जागरूकता

द्रोपदी फाउंडेशन के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ ग्राम पंचायत कुसमुरा के  कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला में वृक्षारोपण

रायगढ़ ब्रह्मोस । शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुसमुरा में “एक पेड़ मां के नाम” कार्यक्रम का आयोजन एक विशेष अवसर के रूप में संपन्न हुआ, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और मातृ सम्मान को प्रमुखता दी गई। इस कार्यक्रम का आयोजन दुर्गा शंकर नायक और ग्राम पंचायत कुसमुरा के सरपंच श्री सनत नायक के संयोजन में हुआ। कार्यक्रम में द्रौपदी फाउंडेशन, नवसृजन शिक्षा एवं जन सेवा समिति, ग्राम पंचायत कुसमुरा और शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुसमुरा की संयुक्त भागीदारी रही।कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ मातृ सम्मान को प्रकट करना था। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों को पेड़ों के महत्व के बारे में जागरूक किया गया, और प्रत्येक छात्रा ने अपनी मां के नाम पर एक-एक पेड़ लगाया। यह पहल न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए थी, बल्कि बच्चों को प्रकृति के प्रति उनकी जिम्मेदारी का भी अहसास कराना था।

अतिथियों से हुआ वृक्षारोपण की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा वृक्षारोपण से हुई। वृक्षारोपण के दौरान बच्चों को पेड़ के महत्व के बारे में बताया गया और इस बात पर जोर दिया गया कि इन पेड़ों की देखभाल किस तरह की जाए ताकि वे बड़े होकर पर्यावरण को लाभ पहुंचा सकें। कार्यक्रम के दौरान सभी बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ अपने मां के नाम पर एक-एक पेड़ लगाया। यह दृश्य अत्यंत प्रेरणादायक था, जब बच्चे बरसते हुए सावन में भीगते हुए भी पेड़ लगा रहे थे। इस कार्यक्रम में कुल 100 पेड़ लगाए गए, और इसके अलावा 250 और पेड़ लगाने की मांग द्रौपदी फाउंडेशन से की गई, जिसके चेयरमैन श्री सुनील रामदास अग्रवाल हैं। यह पहल दर्शाती है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक सहभागिता कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है।

इन्होंने लिया कार्यक्रम में भाग

इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े गणमान्य नागरिकों और संगठनों की सहभागिता रही। नवसृजन शिक्षा एवं जन सेवा समिति, रायगढ़ से  भरत त्रिपाठी, श्रीमती ललिता त्रिपाठी, और श्री किशोर पटनायक प्रमुख रूप से उपस्थित थे। द्रौपदी फाउंडेशन से  राम यादव और उनकी पूरी टीम ने कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाई। इसके अलावा गांव के प्रमुख नागरिक, जैसे श्री उमाचरण नायक,  शशि भूषण नायक,  अजीत राम नायक, शशिभूषण नायक, रोहिणी नायक (पूर्व सरपंच), श्याम लाल सिदार (पूर्व सरपंच),  टेकलाल नायक,  वीरेन्द्र नायक,  रामरतन साव, महेश सिदार, और  कृष्णकुमार निषाद ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।

राजनीतिक क्षेत्र से उपस्थितियों में  नरेश पटेल (पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष), भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष श्री जयप्रकाश पटेल, और मंडल अध्यक्ष लोचन पटेल का नाम प्रमुखता से उल्लेखनीय है। शाला परिवार की ओर से प्रभारी प्राचार्य फागुलाल सिदार, जगमोहन पटेल,  वी.पी. तिवारी,  सुनील खैस,  पीतांबर साव, रूपेश पंडा, सुश्री टी. केरकेट्टा मैडम, श्रीमती भावना शर्मा, श्रीमती संगीता पाण्डेय, श्रीमती शीला पटेल, श्रीमती शिल्पी शर्मा, श्रीमती रेशमा बंसल, और श्रीमती संध्या सिदार ने भी इस आयोजन में भाग लिया।

देखते ही बन रहा था बच्चों का उत्साह

कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी अतिथियों और बच्चों के उत्साह को बरसते सावन ने भी कम नहीं किया। कार्यक्रम के अंतर्गत जो वृक्षारोपण किया गया, वह केवल एक सांकेतिक आयोजन नहीं था, बल्कि इसके माध्यम से बच्चों और समुदाय के लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक गहरी समझ और जिम्मेदारी का बीजारोपण किया गया।

इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि पर्यावरण संरक्षण और मातृ सम्मान एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। पेड़ों को मां के नाम पर लगाकर बच्चों ने अपनी माताओं के प्रति अपने स्नेह और सम्मान को प्रकट किया, और साथ ही यह संकल्प लिया कि वे इन पेड़ों की सेवा और देखभाल करेंगे, जैसे उनकी मां ने उन्हें पाला है।

आस पास के गांव में भी है वृक्षारोपण की योजना

इस कार्यक्रम की सफलता के बाद, स्थानीय प्रशासन और संगठन मिलकर और अधिक वृक्षारोपण के कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। इस पहल के तहत न केवल कुसमुरा गांव बल्कि आसपास के अन्य गांवों में भी इसी तरह के वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके।

शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुसमुरा में आयोजित “एक पेड़ मां के नाम” कार्यक्रम ने समाज के सभी वर्गों को यह समझाया कि किस तरह से सामूहिक प्रयासों के माध्यम से हम अपने पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं और अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। यह कार्यक्रम बच्चों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना, जिसमें उन्होंने न केवल पेड़ लगाए बल्कि उन्हें बड़े होने तक संभालने का भी संकल्प लिया।
“एक पेड़ मां के नाम” कार्यक्रम ने कुसमुरा के लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ मातृ सम्मान को भी प्रकट किया। इस पहल ने दिखाया कि छोटे-छोटे कदम भी बड़े बदलाव का कारण बन सकते हैं। इस कार्यक्रम की सफलता यह प्रमाणित करती है कि जब समाज के सभी वर्ग मिलकर काम करते हैं, तो न केवल पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है, बल्कि अगली पीढ़ी को भी एक बेहतर भविष्य प्रदान किया जा सकता है।

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