मां महालक्ष्मी मंदिर में होती है श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ति हर रोज हजारों श्रद्धलुओं की उमड़ती है भीड
धार्मीक स्थल में तब्दील हुआ ग्राम पंडरीपानी
रायगढ़। प्राकृति के मनोहारी दृश्य से परिपूर्ण ग्राम पंडरी पानी में बने भव्य नव निर्मीत मां महालक्ष्मी मंदिर की आभा देखते ही बन रही है । जहां रोजाना हजारों की तादाद में श्रद्धालु दूर दराज जिले एवं दीगर प्रांतों से आकर न सिर्फ मंदिर की आभा को निहार कर निहाल हो जाते हैं। वही मां महालक्ष्मी वैष्णवी एवं माता लक्ष्मी के अष्ट मह रूप के दर्शन पाकर खुद को धन्य कर लेते हैं। यही नहीं इस मामले में मंदिर के संस्थापक एवं निर्माण करता ज्योतिषचार्य आचार्य पंडित रवि भूषण शास्त्री की माने तो मां महालक्ष्मी के मंदिर के निर्माण के पीछे उनके एक अद्भुत राज भी छुपा है। जिसे पूरा करने के लिए पंडित रवि भूषण शास्त्री पूरे तन मन और धन के मां के साथ मां महालक्ष्मी मंदिर को पूरा करने में लग गए और 2 साल के अथक प्रयास के बाद आज प्रदेश का इकलौता महालक्ष्मी मंदिर बनकर तैयार हो गया जिसका हाल ही में प्राण प्रतिष्ठा स्थापना महोत्सव पूर्ण हो गया। वहां दर्शन कर श्रद्धालु निहाल हो जाते हैं और हर रोज सैकड़ो की संख्या में दर्शन करने पहुंचते है।
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंडरीपानी पूर्व में बने छत्तीसगढ़ का इक्लौता ऐतिहासिक भव्य व मनोरम साज सज्जा से परिपूर्ण मां महा लक्ष्मी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक वरदान बन चुका है जहां पर हर श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है। हाल ही भव्य मंदिर में मां अष्ट महालक्ष्मी की
प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें कल शनिवार को मां की प्रतिमा की पूरे विधिविधान और विद्धान पंडितों के मंत्राच्चारण के साथ मां महा लक्ष्मी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। जिसका हजारों श्रद्धालु इस एतिहासिक पल के साक्षी बने। यहीनही मां महा लक्ष्मी मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूर्णाआहुती भी दिया गया व भव्य भंडारा में प्रसाद ग्रहण कर हजारों श्रद्धालु मां महा लक्ष्मी का प्रसाद ग्रहण कर तृप्त हो गये।
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प्रकृति के मनोहारी स्थल से परिपूर्ण
कबारा पहाड़ तथा पहाड़ मंदिर के मनोहारी परिदृश्यों व प्राकृतिक अनुपमा से ओतप्रोत स्थल पर बने छत्तीसगढ़ का पहला ऐतिहासिक महा लक्ष्मी मंदिर की सुंदरता देखते ही बन रही है । वहां चारो तरफ पहाड़ से घीरे नीले अंबर की आभा बरबस ही लोगो को अपनी ओर आर्कर्षित कर रही है। खास बात यह है कि वहां अब चहुओर बाबा सत्यनारायण धाम की तरह मां महा लक्ष्मी मंदिर के आसपास धार्मीक स्थल में तब्दील हो चूकी है जिसे निहारने और मां के दर्शन करने श्रद्धालुओं की भारी भीड उमड पड रही है।
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वर्सन
मां महा लक्ष्मी की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरे विधी विधान के साथ संम्पन्न हो गया है। तथा मां के दरबार में पांच दिन तक पूर्णाहुती तथा भव्य भंडारा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं नें मां के प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बने और आज पूर्णाहुती व भव्य भंडारा में प्रसाद ग्रहण किया।
पंडित रवि भूषण शास्त्री
ज्योतिषाचार्य एवं मंदिर के संस्थापक