शुभ मिनरल्स सहित 12 मिनरल्स उद्योग की एनजीटी के जांच और उसके रिपोर्ट के बाद ले कोई फैसला- बजरंग अग्रवाल
ब्रह्मोस न्यूज रायगढ़। क्षेत्र में उद्योग खदान क्रशर अनियमित संचालन से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। क्षेत्र में डोलोमाइट खदान की भी बहुलता होते जा रही है। इसकी वजह से भी क्षेत्र में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र भी अब इससे अछूता नहीं रह गया है। इसे देखते हुए एनजीटी के द्वारा शुभ मिनरल्स सहित 12 मिनरल्स संस्थानों की भौतिक जांच के आदेश दिए गए थे किंतु जांच के पूर्व ही शुभ मिनरल्स को जनसुनवाई की अनुमति दी गई और जनसुनवाई में ग्रामीणों द्वारा भारी विरोध दर्ज कराया और जन सुनवाई को तत्काल रोकने की मांग की गई। पर्यावरण मित्र बजरंग अग्रवाल ने प्रशासन और पर्यावरण विभाग से मांग की है कि जब तक पर्यावरण संरक्षण को लेकर बुनियादी काम न हो तब यदि जन सुनवाई हो भी गई हो तो इस पर कोई निर्णय न लिया।
गत दिवस छैलफोरा स्थित शुभ मिनरल्स की जन सुनवाई संपन्न हुई है।।बजरंग अग्रवाल ने मांग की है कि शुभ मिनरल्स की जनसुनवाई पर कोई निर्णय न लिया जाए और इसके पहले एनजीटी के आदेश के अनुसार शुभ मिनरल्स सहित 12 मिनरल्स उद्योग खदान की जांच हो जाए। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे कोई निर्णय लिया जाए। श्री अग्रवाल ने कहा है कि नवघटा छैलफोरा में आयोजित शुभ मिनरल्स की जनसुनवाई में स्थानीय ग्रामीणों की विरोध को ध्यान में रखते हुए और एनजीटी के आदेश पर अमल करते हुए जनसुनवाई के बाद की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाए रखा जाना चाहिए और जब तक पर्यावरण संरक्षण के उपायों और एनजीटी के आदेश की जांच रिपोर्ट न आ जाए और रिपोर्ट के बाद एनजीटी के आदेश का इंतजार किया जाना उचित होगा।
बता दें की नवघटा छैलफोरा क्षेत्र धूल गुबार और क्रशर खदान के प्रदूषण से पूरा क्षेत्र हलाकान है। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा धूल गुबार और प्रदूषण को लेकर गत दिवस शुभ मिनरल्स की जनसुनवाई में खूब खरी खोटी भी सुनाया गया है। यदि ग्रामीणों की समस्या के समाधान के बिना शुभ मिनरल्स को डोलोमाइट पत्थर उत्खनन की अनुमति दी जाती है तो यह ग्रामीणों के साथ अन्याय होगा और ग्रामीणों का शासन प्रशासन से विश्वास उठ जाएगा। जिसे देखते हुए पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल द्वारा शुभ मिनरल्स सहित अन्य 12 मिनरल्स उद्योग की जांच नहीं हो जाती और एनजीटी की इस पर कोई आदेश नहीं आता तब तक के लिए शुभ मिनरल्स की जनसुनवाई पर कोई निर्णय न लिया जाए।