जिला जेल में उमड़ा भावनाओं का सैलाब, भाई बहनों की आंखों से छलके आंसू
ब्रह्मोस न्यूज रायगढ़ । भाई बहन के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन को लेकर आज जहां बहने अपने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र राखी बांधकर सुरक्षा करने का आशीर्वाद लेते रहे वही जिला जेल रायगढ़ में बंद निरुद्ध बंदियों की बहनों की आंखों में आंसू छलक जा रहे थे। जहां बहनों ने जेल में बंद अपने भाइयों से अपराध से तौबा कर लेने का वादा लेते हुए भाइयों के सूनी कलाइयों में राखी का अटूट बंधन बांधते नजर आ रहे थे।
गौरतलब है कि कोरोना कल के 4 साल बाद एक बार फिर जिला जेल में रक्षाबंधन का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। वहां पर जेल में बंद निरूद्ध बंदियों को उनके बहनों से मिलने के लिए जिला जेल में विशेष व्यवस्था की गई थी। वहां पर जेल अधीक्षक एसपी कुर्रे के द्वारा जेल के भीतर किसी प्रकार के मादक पदार्थ या फिर आपत्तिजनक वस्तु न जाए इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा था और बारी-बारी से 5 से 6 बहनों की जिला जेल के भीतर राखी बांधने के लिए भेजने की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान जेल में बंद निरूद्ध बंदियों की बहने अपने भाइयों की कलाइयों में राखी बांधते समय भाई बहन की आंखों में आंसू छलक उठ रहे थे मानवीय भावनाओं के उक्त महासागर में भाइयों की आंखों से पश्चात आपके आंसू साफ नजर आ रहे थे जिन्होंने उपहार के रूप में अपनी बहनों को अपराध नहीं करने का वादा करते हुए उनका मुंह मीठा कराया।
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घरों में बहनों ने किया शुभ मुहूर्त का इंतजार
हालांकि आज दोपहर के 1:30 तक भद्राकाल होने की वजह से सुबह से लेकर घरों में राखियां नहीं पहना जा सकी थी और 1:32 में शुभ मुहूर्त लगने के बाद ही घरों में रहने वाली बहाने अपने भाइयों की कलाई में राखियां बांधी वही जिला जेल में आज सुबह से ही बहनों के भीड़ लग गई थी और सुबह के 8:00 बजे से ही जिला जेल के निरूद्ध बंदियो को उनकी बहनें राखी बांधकर अपने कर्तव्य का पालन करते नजर आ रहे थे।
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क्या कहते हैं जेल प्रशासन
जेल अधीक्षक एस पी कुर्रे ने बताया कि शासन से अनुमति मिलने के बाद हमारे जेल परिसर में चार साल बाद पुनः एक बार राखी का त्योहार पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। जेल प्रबंधन ने जेल में बंदी भाइयों को राखी बांधने आने वाली बहनों और जेल में बंदी बहनों से राखी बंधवाने आने वाले भाइयों को आमने सामने बिठाकर राखी का त्योहार मानने दे रहा है। इसके के लिए विशेष तरह की व्यवस्था की है। बहनों के लिए गुलाल,रोली, अक्षत और थाली जेल प्रशासन दे रहा है। बारिश से बचने के लिए शेड बनाया गया है। बहनों और परिजनों को अपने साथ मिठाइयां और फल लाने की अनुमति दी गई है। सुबह से ही बहनें अपने परिजनों के साथ आने लगी है। हालाकि दोपहर 1.30 बजे से मूहर्त की वजह से अभी संख्या नही बढ़ी है। लेकिन दूर दराज से आने वाले भाई बहनों के लिए शाम चार बजे तक जेल परिसर में राखी का त्योहार मानने की व्यवस्था की गई है। जिसे लेकर जेल परिसर में काफी अच्छा माहौल बन गया है।
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क्या है भद्राकाल के नियम
रक्षाबंधन पर भद्राकाल 19 अगस्त की रात 02.21 बजे से दोपहर 01.30 बजे तक था । इससे सुबह 09.51 से 10.53 तक पर भद्रा पुंछ था। फिर 10.53 से 12.37 तक भद्रा मुख एवं दोपहर 01.30 बजे के बाद भद्रा काल समाप्त हो गया।
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रावण की बहन ने बांधी थी भद्राकाल में राखी
पौराणिक कथा के अनुसार लंकापति रावण को उसकी बहन ने भद्रा काल में राखी बांधी थी और उसी साल प्रभु राम के हाथों रावण का वध हुआ था. इस कारण से भद्रा काल में कभी भी राखी नहीं बांधी जाती है. इससे भाई के जीवन पर बुरा असर पड़ता है।
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बहने दिव्य भाई के रूप में देखती हैं कृष्ण को
भगवान कृष्ण सभी भारतीय परंपराओं का एक बड़ा हिस्सा हैं और रक्षा बंधन के लिए विशेष रूप से आवश्यक हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके कारण ही यह परंपरा शुरू हुई। उन्हें पूरे देश में लड़कियाँ दिव्य भाई के रूप में देखती हैं। उन्हें राखी बांधने से।यह माना जाता है कि दिव्य शक्तियाँ एक लड़की की रक्षा करेंगी।