न नाली है न सड़क, बिजली के लिए भी तरस रहे हैं कापु के पहाड़ी कोरवा
ब्रह्मोस न्यूज रायगढ़। एक तरफ जहां आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के आदिवासियों को जागरूक बनाने और उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के लिए से शासन विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है। वहीं दूसरी और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के पहाड़ी कोरवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बकरी पालन गाय पालन वह कोठा मार्ग जैसे योजनाओं का लाभ पहुंचने का दम भरने वाले अधिकारी महज कागजो में ही गाय बकरी और कोठा का निर्माण कर दे रहे हैं। खास बात क्या है कि धरातल पर नजर उठा कर देखें तो शासकीय योजनाओं के नाम पर पहाड़ी कोरवा जैसे आदिवासी लोग भी अधिकारियों को प्रपंच में फंसकर छले जा रहे हैं। ऐसे एक मामले को लेकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कापु थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सलका के पहाड़ी कोरवा आज के इस आधुनिक युग में रोड नालियों और सड़क जैसे मूलभूत सुविधाओं को लेकर रोना तो रो रहे हैं साथ ही शासन से मिलने वाली किसी भी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने की बात कही जा रही है यही नहीं ग्राम पंचायत सरकार के पहाड़ी कोरवा राजाराम की माने तो उन्हें पिछले कई सालों के दरमियांन बकरी गाय कोठा मिलने की बात तो दूर गांव में नाली तक के नहीं होने से ग्रामीणों को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। जबकि इस मामले में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के धर्मजयगढ़ हो या कापु के आदिवासी किसी को भी लाभ मिल रहा है और ना ही ग्राम वासियों के मूलभूत समस्याओं का निवारण हो रहा है ऐसे में आज कलेक्टर का जनदर्शन में इन्हीं सभी समस्याओं को लेकर गुहार लगाने पहुंचे हैं।
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दर्द की कहानी
पहाड़ी कोरबा की जुबानी देखिए वीडियो…
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इस मामले में खास बात है कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के अधिकारी आदिवासी कोरवाओं को पिछले 5 साल के दौरान आदिवासी परिवारों को 3 सौ से लेकर 5 सौ गाय बकरी का वितरण कर चुके हैं और कोठा का निर्माण करा कर उन्हें दिया गया है परंतु अधिकारियों के अनुसार आदिवासी इसका सही उपयोग न करके गाय बकरियों को बेच देते हैं। यही वजह है कि आदि बाहुल्य क्षेत्र के लोग योजनाओं का सही उपयोग नहीं कर पाते।