अंधाधुंध औद्योगीकरण से जिले में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का ग्राफ
इंसानों के साथ-साथ पेड़ पौधे और खेत खलिहान भी हो रहे हैं कोप भाजन का शिकार
ब्रह्मोस न्यूज रायगढ़। जिले में प्रदूषण की स्थिति क्या है । यह किसी से नहीं छुपी है और इसे सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष गोमती साय ने न सिर्फ माना है बल्कि बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से अपने विचार सांझा भी की है। इसके बावजूद जिले के उद्योगों पर लगाम नहीं लगना समझ से परे है।
खास बात यह है कि जिला मुख्यालय से महज 20 से 25 किलोमीटर की परिधि में गेरवानी और लाखा में 30 से 40 उद्योगों संचालित हो रहे हैं । जिसमें से कई ऐसे उद्योग है जिनके ईएसपी चलती तक नहीं है फिर भी जिले के अधिकारी इन उद्योगों की जांच करने की बजाय महज उनके विस्तार नीति को विकसित करने में लगे हुए हैं और रायगढ़ की जनता इन उद्योगों की चिमनियों से निकलने वाले जहरीले आबो हवा में सांस लेने के लिए मजबूर है। यही नहीं उद्योगों के इस जहरीले आबो हवा के शिकार इंसानों के साथ-साथ पेड़ पौधे और खेत खलिहान की फसलें भी हो रही हैं। जिनके पत्तों को छूने मात्र से जहरीले प्रदूषण का प्रमाण मिल जाता है।
सांस और दमा की बीमारी फैला रही पांव
जिले में लगातार बढ़ रहे हैं इन प्रदूषण को देखने से लगता है कि आने वाले समय में न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र के रहवासी बल्कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोग भी भीषण प्रदूषण के कारण कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होंगे। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। इस मामले में अगर डॉक्टरी आंकड़ों को नजर डालें तो लगता हैं किन हर दूसरा से तीसरा व्यक्ति सांस और दमा की समस्या से ग्रसित होगा।
मुके दर्शक बने नजर आते है जिले के अधिकारी
खास बात यह है कि गेरवानी हो या लाखा, सड़कों के किनारे से लेकर वहां के पेड़ पत्तों पर जमी प्रदूषण , धूल मिट्टी और डस्त की इतनी मोटी परत देखने को मिल जाती है जिसे छूना तो दूर उसके पास से भी अगर गुजर जाए तो प्रदूषण की मात्रा और उसके प्रभाव नजर आ जाते है। फिर भी प्रशासनिक अधिकारियों का मुक दर्शक बने रहना विडंबना ही है।
होगा समाधान
जिले में प्रदुषण की समस्या तो है । इसका वृक्षारोपण के माध्यम से समस्या का समाधान निकाला जाएगा।
श्रीमती गोमती साय
सरगुजा विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष