सात समंदर पार भी लोग हिंदुस्तानी संस्कृति को मानते है-मीनाक्षी शेषाद्रि
देश दुनिया से जुड़ने का एकमात्र जरिया संगीत
ब्रम्होस न्यूज़ रायगढ़। सीने जगत को अपनी एक्टिंग एवं कलाकारी का लोहा मनवाने वाली विश्व विख्यात मीनाक्षी शेषाद्री अमेरिका से 30 साल बाद भारत लौटने के बाद उनका पहला कार्यक्रम रायगढ़ के ऐतिहासिक चक्रधर समारोह में भरतनाट्यम पेश करने जा रही है। उन्होंने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि संगीत ही देश है दुनिया से जुड़ने का एकमात्र जरिया है। उन्होंने कहा कि रायगढ़ के विश्व विख्यात ऐतिहासिक चक्र समारोह में उनकी प्रस्तुति देने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है जो उनके लिए गर्व और सौभाग्य की बात है। उन्होंने बताया कि पारिवारिक जिम्मेदारियो के कारण वह अमेरिका में सिप्ट हो गई । वहां वह एक डांसिंग स्कूल चलाती है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सितंबर 2024 उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि पूरे 30 सालों के बाद उनकी अमेरिका से भारत में वापसी हुई है और उनका पहला कार्यक्रम रायगढ़ के चक्रधर समारोह में होने जा रहा है। यह उनके लिए बड़े गर्व की बात है। मीनाक्षी शेषाद्री ने बताया कि सात समंदर पार भी लोग हिंदुस्तान से ज्यादा हिंदुस्तानी कल्चर को मानते हैं। क्योंकि वो अपने देश से दूर हैं। भारतीय संगीत ही अपने देश से जुड़ने का एक जरिया है। उन्होंने कहा कि इतने लंबे गैप के बाद अब फिर से वह इंडिया वापसी कर रही है। साल के अंत तक उनकी बहुत सी फिल्मों, सीरीज की अनाउंसमेंट आने वाली है। दामिनी के नाम से मशहूर मीनाक्षी शेषाद्रि कहती हैं की दामिनी एक ऐसा किरदार थी जिसने समाज की कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। आज भी देश में महिलाओं के खिलाफ कोलकाता मेडिकल कालेज जैसे अपराध हो रहे हैं इसे कैसे रोका जाए यह चिंता का विषय है। काश वो दामिनी के किरदार की तरह इस काबिल होती की इन अपराधों को रोक सकती। पता नहीं सतयुग कब आएगा।