सड़क के अभाव में कीचड़ में चलने के लिए मजबूर है यहां के स्कूली बच्चे
घरघोड़ा। ग्राम पंचायत टेरम का आश्रित ग्राम छिरभौना, छिरभौना पहुंचने के लिए टेरम से कच्ची सड़क जाती है परन्तु विडम्बना यह है कि हर बरसात में ग्रामीणों को कीचड़ से लथपथ मार्ग पर चलने को मजबूर होना पड़ता है। कुरकुट नदी के तट पर बसे इस गांव से प्रतिदिन 10-15 बच्चे पढ़ने के लिए टेरम तथा घरघोड़ा आते हैं।
पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है छिरभौना वासी कीचड़ से लथपथ मार्ग पर चलने को मजबूर हैं।
प्रति दिन गांव के लोग दैनिक उपयोग की वस्तुओं के टेरम, घरघोड़ा आते जाते हैं। शिक्षक शिक्षिकाओं का प्रतिदिन आना जाना लगा है। ऐसे में इस गांव के ग्रामीणों ने अपने सरपंच ,बीबीसी, विधायक, एवं नव निर्वाचित सांसद तक को इस समस्या से अवगत कराया गया है। परन्तु विडम्बना कहें या कुछ और अभी तक किसी ने इस मामले को लेकर पहल नहीं की है । इससे ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है। यही नहीं सड़क किस समस्या को लेकर भविष्य में आन्दोलन भी हो सकता है इससे इंकार नही किया जा सकता।