अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का भव्य आयोजन कोलंबो श्रीलंका में हुआ संपन्न
ब्रम्होस न्यूज कुडेकेला । वरिष्ठ साहित्यकार व छत्तिसगढ़ के प्रथम इंग्लिश उपन्यासकार डॉ वासु देव यादव ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आज यह जानकारी दी कि 22 वाँ अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन कोलंबो श्रीलंका में बड़े ही मनमोहक प्रस्तुति के साथ संपन्न हुआ। अक्सर ऐसा कहा जाता है कि व्यक्तित्व की प्रशंसा केवल श्मशान में ही होती है। क्योंकि जब तक कोई व्यक्ति सामाजिक मंच पर सक्रिय है । तब तक उसे महत्वहीन समझकर उसकी उपेक्षा की जाती है । यह कथन पूर्ण रूपेण सत्य नहीं कहा जा सकता क्योंकि हम अनेक आयोजनों में समाज और देश के लिए अच्छे कार्य करने वालों को सम्मानित होते हुए देखते हैं । इन्हें सम्मानित करने के नेपथ्य में समाज के अन्य लोगों को भी अच्छे कार्य हेतु प्रेरित करने उद्देश्य समाहित होता है ।अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन इसका एक प्रत्यक्ष प्रमाण है । इस आयोजन के मुख्य अतिथि रहे जाने माने लेखक, संपादक, व गीतकार डॉ अजय पाठक ने बताया कि हिंदी संस्कृति और विश्व बंधुत्व के विकास के लिए सतत्त आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विशेष तौर पर भारत के डॉ. बीना बुदकी, प्रो.पुष्पा उनियाल, डॉ. रामकृष्ण राजपूत, डॉ. मंजुला दास, राजेन्द्र सिंह, डॉ. अरविंद श्रीवास्तव ‘असीम’, डॉ. आरती झा, डॉ. रत्ना सिंह, आनंद प्रकाश गुप्ता, डॉ. नमिता चतुर्वेदी, कृष्ण कुमार मरकाम ‘अनुरागी’, डॉ. हरिसुमन बिष्ट, कामिनी संघवी,डॉ. गीता सराफ़, कुंतला दत्ता, नारायण जोशी, स्वतंत्र कौशल, पूरन सिंह, आशुतोष चतुर्वेदी, रवि भोई, उमा बिष्ट, डॉ. नमिता चतुत्वेदी डॉ. कुँवर जय पाल सिंह, उर्मिला सिंह, डॉ. संदीप पगारे तथा श्रीलंका के प्राध्यापकों, साहित्यकारों तथा शोधार्थियों ने अपने-अपने विशिष्ट शोध आलेखों का वाचन किया।
सम्मेलन के विभिन्न सत्रों (जैसे संगोष्ठी, सर्वभाषा रचनापाठ, सांस्कृतिका आदि) में केलानिया युनिवर्सिटी, कोलंबो के हिंदी साहित्य तथा विभिन्न संकाय के विभागाध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्रायें, रचनाकार, संस्कृतिकर्मी औऱ गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या सहभागी बने, जिसमें प्रमुख रूप से डॉ. लक्ष्मण, डॉ. उपल रंजीथ, डॉ. नीता सुभाषिणी, डॉ. इ.जी.वज़ीर गुणसेना, डॉ. अनुषा निल्मणि, डॉ. आमिला, श्रीमती बसंथ पद्मिनी, डॉ. निरोशा साल्वथुरा, डॉ. संगीथ रत्नायके, डॉ. जे.ए.डी. सरसी उपेक्षिका रणसिंह, सुश्री सुभा रत्नायक आदि हैं । उन्होंने आगे कहा कि सम्मेलन के सांस्कृतिका सत्र में युनिवर्सिटी ऑफ केलानिया के कला विभाग के छात्रों द्वारा लार्ड शिवा नामक नृत्य नाटिका के अलावा भारत के सुप्रसिद्ध नृत्याँगनाओं डॉ. काजल मूले, ममता अहार तथा कविता गुलकरी द्वारा क्रमशः कत्थक, मोनोप्ले (वैदेही) तथा शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति दी गई जिसे स्थानीय दर्शकों का काफ़ी प्रतिसाद मिला ।
उल्लेखनीय है कि बिना किसी केंद्रीय या राज्य सरकार के सहयोग, विश्व भर में सृजनरत हिंदी औऱ भारतीय भाषाओं के सक्रिय और प्रवासी रचनाकारों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए इससे पूर्व रायपुर, बैंकाक, मारीशस, पटाया, ताशकंद, संयुक्त अरब अमीरात, दुबई, कंबोडिया, वियतनाम, चीन, नेपाल, इडोनेशिया (बाली), गुवाहाटी (असम), राजस्थान, रूस, ग्रीस, म्यांमार, वियतनाम, भूटान में 21-21 अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलनों का आयोजन संपन्न हो चुका है । सम्मेलन में डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र, डॉ. खगेन्द्र ठाकुर, डॉ. हरिसुमन बिष्ट, टी.एस. सोनवानी के बाद ख्यात शिक्षाविद् और साहित्यकार डॉ. सविता मोहन को अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का अध्यक्ष मनोनीत किया गया । उन्होंने अगले अर्थात् 22 वां सम्मेलन जापान में आगामी नवंबर में आयोजित किये जाने की विधिवत घोषणा की ।
कोलंबो सम्मेलन के दौरान भारत के विभिन्न प्रांतों से पहुँचे रचनाकारों और हिंदीसेवियों के सम्मान में केलानिया विश्वविद्यालय कोलंबों और श्रीलंका में हिंदी के विकास के अग्रसर संस्थाओं द्वारा आयोजित स्नेह समारोह में 50 से अधिक रचनाकारों, संपादकों व हिंदी-शिक्षकों को प्रतीक चिन्ह, उत्तरीय, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया । इस भव्य अंतर्राष्ट्रीय समारोह में रचनात्मक योगदान के लिए 14 रचनाकारों को अंलकरण सम्मान भी प्रदान किए गए जिसमे डॉ. रुपा सिंह और डॉ. बीना बुदकी (सृजनगाथा डॉट कॉम सम्मान -11,000 रूपये), उर्मला सिंह और जयश्री नंदा (सिंधु रथ स्मृति सम्मान-11,000 रूपये), डॉ. लता हिरानी और कामिनी संघवी (सलेकचंद जैन स्मृति सम्मान-11,000 रूपये) जवाहर गंगवार और चेतन भारती (दाऊ कल्याण सिंह स्मृति सम्मान-11,000 रूपये), सुषमा राउत तथा बीनापाणि मिश्र (डॉ. सच्चिदानंद त्रिपाठी स्मृति सम्मान-11,000 रूपये), प्रो. पुष्पा उनियाल और डॉ. आरती झा (डॉ. श्यामलाल निर्मोही स्मृति सम्मान-11,000 रूपये), ग्रूप कैप्टेन कुँवर जयपाल सिंह (कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्मृति सम्मान-5000 रूपये), कत्थक नृत्याँगना डॉ. काजल मूले (डॉ. ब्रजवल्लभ मिश्र स्मृति सम्मान-5000 रूपये) डॉ. पुष्पा जोशी, (उर्मिला गुप्त स्मृति सम्मान – 5000 रुपये) को पुरस्कृत किया गया ।
इसमें 11 राज्यों के 56 प्रतिनिधिय़ों की भागीदारी थी
22 वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन को सफल बनाने में देश-विदेश की जिन सांस्कृतिक संस्थाओं और पत्रिकाओं ने प्रायोजन सहयोग किया उनमें प्रमुख हैं – युनिवर्सिटी ऑफ केलानिया कोलंबों, सृजन-सम्मान छत्तीसगढ़, डॉ. सच्चिदानंद त्रिपाठी स्मृति संस्थान कटक, आपका तीस्ता हिमालय सिलीगुड़ी, ट्रू मीडिया दिल्ली, सलेकचंद जैन स्मृति संस्थान दिल्ली, डॉ. ब्रजवल्लभ मिश्र स्मृति संस्थान पुणे, सिंधुदेवी रथ स्मृति संस्थान रायगढ़, कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्मृति संस्थान रायगढ़, डॉ. सुरेश चंद्र गुप्त स्मृति संस्थान सोनीपत । 22 वें सम्मेलन विशेष तौर पर भारत के प्रमुख 11 राज्य के अन्य रचनाकारों की भागीदारी रही जिनमें कुणाल जैन, कपिल देशलहरा, कमला विष्ट, रेखा उरकुरकर, स्वतंत्र कौशल, अरुंधती भोई, सुनील भटनागर, डॉ. सौमित्र पगारे, हितेश भोई, डॉ. रीता पाठक, आशा चौहान, सुमन गुप्ता, रूद्र प्रताप सिंह आदि प्रमुख हैं ।