जल्द से जल्द हो रामलीला मैदान का जीर्णोद्धार-रामचन्द्र
ब्रह्मोस न्यूज़ रायगढ़। जिले के वरिष्ठ खिलाड़ी रामचन्द्र शर्मा ने चक्रधर समारोह के पश्चात रामलीला मैदान के जीर्णोद्धार के लिए निगम प्रशासन से अपील की है। रामचन्द्र शर्मा ने बताया कि रायगढ़ शहर का हृदय स्थल रामलीला मैदान में रामायण महोत्सव की शुरूआत 1960 के दशक में रामायण के मंचन करने से हुई थी। जिसके कारण इसका नाम रामलीला मैदान पड़ा। लेकिन पिछले कुछ दशकों में रामलीला मैदान राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों और रैलियों का पर्याय बन गया है।
शहर की कुछ जागरूक युवा और सामाजिक कार्यकर्ता इस मैदान के जीर्णोद्धार के लिए लंबे समय से आवाज उठाते आ रहे हैं मगर उनकी आवाज राजनीति की गलियों में कहीं दब सी जाती है। लेकिन जब भी चुनाव आता है तो नेताओं के जुबान पर रामलीला मैदान संरक्षण की बात हर किसी के जुबान पर होता है और चुनाव के बाद वहीं स्थिति हो जाती है। मगर ऐसा कब तक चलेगा कभी ना कभी तो कोई आवाज उठेगा और इन खोखले दावों की धज्जियां ताश के बिखरे पत्तियां की तरह उड़ जाएंगे बस शर्त यह है कि शहर के नव युवा और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता तथा रामलीला मैदान के प्रति अपनी सद्भावना रखने वाले लोग और रायगढ़ के खिलाड़ी खोखले वादे करने वाले राजनेताओं के बातों में न फंसे। रायगढ़ के रामलीला मैदान की ख्याति केवल रायगढ़ नहीं प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी विद्यमान है। मगर रायगढ़ का यह ऐतिहासिक धरोहर आज अपने ही क्षेत्र के राजनेता और प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। इस मैदान में 3 अक्टूबर से शुरू होने वाले 58 वा रामायण के मंचन करने वाले कलाकारों के साथ-साथ स्वयं रामलीला मैदान भी खूनी के आंसू रो रहा है। खिलाडिय़ों की ओर से रामचन्द्र शर्मा ने आवाज उठाते हुए यह भी बताया कि आज जो भी नामचीन नेता, उद्योगपति, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, धन्नासेठ, खिलाड़ी आदि ऊंचाईयों पर बैठें हैं वे बचपन में रामलीला मैदान में अपने खेल का जोहर दिखा चुके हैं। कई तो आज तक उस नाम की शोहरत का लाभ उठा रहे हैं। इनमें से कई रामलीला मैदान के जीर्णोद्धार के लिए आवाज उठाते रहे हैं अब फिर समय आ गया है कि शहर में घटते हुए मैदान की संख्या को बचाने के लिए एकजुट हो जाएं। इन सब बातों को लेकर रामचन्द्र शर्मा ने प्रशासन को ताकिद करते हुए अपील की है कि जल्द से जल्द रामलीला मैदान का जीर्णोद्धार किया जाए। वर्ना खिलाडिय़ों को सामने आने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।